पटना. सरकार की नजर में काम बेहतर दिखाने के लिए अंचल के पदाधिकारी दाखिल-खारिज के करीब 40 फीसदी आवेदनों को खारिज कर दे रहे हैं. शेखपुरा और बांका जिले के अधिकारियों ने सबसे अधिक ऐसा किया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने संबंधित अनुमंडल के भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीएलआर) को जांच कर जल्द रिपोर्ट मांगी है. पटना सदर के सीओ के काम की जांच के लिए 10 दिनों की समय- सीमा निर्धारित कर दी गयी है.
सीओ पटना सदर ने 10 दिनों में किये चार हजार आवेदन खारिज
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं की दो दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था. मंत्री ने दाखिल- खारिज के आवेदनों को खारिज करने की प्रवृत्ति पर नाराजगी प्रकट की. सबसे अधिक शेखपुरा अनुमंडल में 39.03 फीसदी मामले अस्वीकार कर दिये गये. दूसरे नंबर पर बांका अनुमंडल रहा. यहां के अंचलों में प्राप्त आवेदन का 38.08 फीसदी आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया था. चौथे से आठवें स्थान पर पटना जिले के दानापुर, पालीगंज, बाढ़ और पटना सदर अनुमंडल रहे. यहां म्यूटेशन के आवेदनों को खारिज करने की रफ्तार औसत से ज्यादा है.
डीसीएलआर करेंगे मामले की जांच
पटना सदर के अंचल में सीओ ने 10 दिनों में चार हजार दाखिल-खारिज आवेदनों के अस्वीकार कर दिया. इन मामलों की जांच 10 दिन में करनी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भू राजस्व से जुड़े सभी अधिकारियों का हरेक महीने मूल्यांकन करता है. सीओ के कामकाज के मूल्यांकन में कुल 100 अंक में 50 प्रतिशत अंक म्यूटेशन के लिए तय किये गये हैं. दाखिलखारिज में अंक तभी मिलेगा जब सीओ दाखिल -खारिज कर दे या उसे अस्वीकार कर दे.
गरीबों-दलितों को बसाने के लिए जमीन देने में प्राथमिकता : राम सूरत
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता गरीब, दलित, उपेक्षित और समाज के सबसे निचले पायदान के लोगों को वास के लिए भूमि उपलब्ध कराना है. विभाग सरकारी भूमि के अलावा खरीद कर भी जमीन उपलब्ध करायेगा. वे शुक्रवार को शास्त्रीनगर स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं की दो दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक का शुभारंभ करने के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने दावा किया कि किसी परियोजना से विस्थापित लोगों को बसाने का काम जल्द -से- जल्द होगा. विस्थापितों को बसाने का काम समूह में कराने का प्रयास किया जायेगा.
दो माह में अतिक्रमण हटाना होगा, अगस्त तक जमाबंदी शुद्धीकरण
गांव के अथवा लो लैंड जमीन पर सड़क, बिजली, पानी, स्कूल जैसी सामुदायिक सेवाओं के विकास के लिए संबंधित विभागों की मदद ली जायेगी. पहले से कहीं बसे हुए लोगों को दखल-कब्जा के मुताबिक पर्चा जारी किया जायेगा. पहले दिन दक्षिण बिहार के जिलों के डीसीएलआर के साथ हुई बैठक में पता चला कि 109 अंचलों ने अतिक्रमण का ब्योरा ऑनलाइन नहीं किया है. पटना के बाढ़, बख्तियारपुर, नौबतपुर और मसौढ़ी में अतिक्रमण का कोई मामला रिपोर्टेड नहीं है. भागलपुर के कहलगांव अनुमंडल में अतिक्रमण के आठ मामले दर्ज हैं.
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