राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा (Amrit Lal Meena) ने जिलाधिकारियों से कहा है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सेवाओं पर स्वयं नजर रखें। प्रयास करें कि ये सेवाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर रैयतों को उपलब्ध हो जाएं। उन्होंने सुस्त जिलाधिकारियों को कार्यशैली में बदलाव की हिदायत भी दी।

अमृत लाल मीणा ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह (ACS Deepak Kumar Singh) के साथ समीक्षा बैठक के बाद सोमवार को जिलाधिकारियों को कई निर्देश दिए।

पूर्वी चंपारण (West Champaran) एवं नवादा (Nawada) को अपनी रैंकिंग में सुधार लाने को कहा गया। जमुई, दरभंगा एवं भोजपुर जिलों को विशेष रूप में सतर्क किया गया।

इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस

समीक्षा में पाया गया कि ये जिले परिमार्जन प्लस (Parimarjan Plus Portal) पर आनेवाले आवेदनों के निबटारे में पिछड़े हुए हैं। इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया।

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि परिमार्जन प्लस पर आए आवेदनों का शत प्रतिशत निबटारा होना चाहिए। पटना, भोजपुर एवं मधेपुरा जिला में ई-मापी की सुस्त रफ्तार पर नाराजगी जाहिर की गई। जिलाधिकारियों को कहा गया कि वे अंचलाधिकारियों की मासिक बैठक में अभियान बसेरा की प्रगति की समीक्षा करें।

राजस्व न्यायालयों से जुड़े अधिकारियों को कहा गया कि वे सप्ताह में कम से कम चार दिन न्यायालय का कार्य देखें। राजस्व न्यायालयों के डिजिटाइजेशन के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरेक को एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं। अबतक सिर्फ सात जिलों ने इसका उपयोग किया है।

10 अंचलों पर कार्रवाई

बैठक में उन 10 अंचलों की पहचान की गई, जो बीते चार महीने से मासिक कार्य मूल्यांकन में पिछड़ रहे हैं। ऐसे 10 अंचलों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारियों को कहा गया कि वे अंचलों के कामकाज की हलकावार समीक्षा करें। लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को दंडित करें।

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