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Bihar: गाय पालने के लिए बिहार सरकार की शानदार योजना, 75 प्रतिशत का दे रही है अनुदान; इस वेबसाइट पर करें अप्लाई

 Bihar Desi Gaupalan Protsahan Yojana 2023 । जागरण संवाददाता, छपरा: युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार (Bihar government) ने देसी गो-पालन प्रोत्साहन योजना (Bihar Desi Gaupalan Protsahan Yojana 2023)की शुरूआत की है। इस योजना से न सिर्फ रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि देसी गायों की संख्या में वृद्धि के साथ दूध का उत्पादन बढ़ेगा। इसमें सबसे अधिक 75 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा।

आज देसी गायों की संख्या काफी कम हो चुकी है, जबकि साहिवाल, गिर और थारपारकर नस्ल की गायों के दूध में अन्य गायों की अपेक्षा अधिक न्यूट्रिशियंस मौजूद हैं। ऐसे में इस योजना से देसी गायों की न सिर्फ नस्लें बढ़ेंगी, बल्कि पौष्टिक दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा।

 

इस योजना के लिए गव्य विकास विभाग के वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। देसी गाय का डेयरी स्थापित करने के लिए जिला गव्य विकास कार्यालय ने लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत अत्यंत पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा।

सभी वर्ग को मिलेगा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत समाज के सभी वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए स्वरोजगार का सृजन होना है। अनुदानित राशि को चार कैटेगरी में बांटा गया है।

 

एससी/एसटी के लिए 75 प्रतिशत, सभी वर्गों के लिए 50 प्रतिशत और 15 व 20 गायों पर 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। वहीं दो दुधारू पर 2 लाख 42 हजार, चार दुधारू पर 5 लाख 20 हजार, 15 गायों पर 20 लाख 20 हजार और 20 गायों पर 26 लाख 70 हजार ऋण का प्रावधान है।

इस योजना का लाभ देने के लिए मिले सभी आवेदनों की स्क्रीनिंग की जाएगी। सारण जिले में प्रथम पेज में 49 आवेदको को लाभ मिलेगा। इसके लिए आवेदनों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

 

गो-पालक प्रोत्साहन योजना के लिए सारण जिले में 788 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन आवेदनों की स्क्रीनिंग की जा रही है। जल्द ही योजना का लाभ दिया जाएगा।

ओम प्रकाश प्रसाद, जिला गव्य पदाधिकारी, सारण

इन राज्यों से आएंगी देशी गायें

इस योजना में में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पशुपालक पशुपालन विभाग द्वारा गोपालन का विभागीय प्रशिक्षण लिए हुए हैं। उसके बाद सुधा से जुड़कर काम करने वाले उसके सदस्य एवं जीविका से जुड़े लोगों को योजना के लाभ के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। देसी नस्ल की गाय पंजाब, हरियाणा और गुजरात से आएंगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर भी संविदा निकाला गया है। 

 

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