बिहार में सियासी हलचल तेज है और आने वाले 24 घंटे में काफी फेरबदल होने वाले हैं। बड़ी खबर ये है कि आज किसी भी वक्त बिहार में महागठबंधन के टूटने का ऐलान हो सकता है। लालू यादव कई बार नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन नीतीश ने उनका फोन कॉल नहीं उठाया
पटना: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद बीजेपी ने 2024 चुनाव के लिए अपना अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा छोड़ दिया है और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने के लिए बीजेपी ने जिन 400 सीटों का टारगेट सेट किया है उसको लेकर आज बिहार में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार की बीजेपी के साथ डील हो गई है और डील के तहत नीतीश महागठबंधन के सीएम पद से आज इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद 28 तारीख को बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार के मुखिया के तौर पर शपथ ले सकते हैं।
महागठबंधन से नीतीश का मोहभंग?
बता दें कि बिहार में इस सियासी उलटफेर के संकेत शुक्रवार को रिपब्लिक डे समारोह के दौरान ही मिलने लगे थे क्योंकि आमतौर पर नीतीश के बगल में बैठने वाले तेजस्वी उनकी बगल कुर्सी को छोड़कर विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के बगल में बैठे नजर आए। फिर शाम को राज्यपाल के यहां कार्यक्रम में तो नीतीश कुमार और बीजेपी नेता तो पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इस प्रोग्राम में भी तेजस्वी की कुर्सी नीतीश के बगल में लगी थी। जब तेजस्वी नहीं पहुंचे तो नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बुलाया। अशोक चौधरी ने भी बिना देरी किए डिप्टी सीएम के लिए रखी गई कुर्सी से तेजस्वी के नाम की पर्ची हटाई और उसी कुर्सी पर बैठ गए।
नीतीश ने लालू का फोन कॉल उठाना किया बंद
वहीं, स्पीकर की खाली कुर्सी पर विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को बैठाया गया। गवर्नर की टी पार्टी की ये तस्वीर आज की बिहार की सियासी हालात को बताने के लिए सबसे सटीक तस्वीर बन गई है। अब इन तल्खियों के बाद बिहार में महागठबंधन का टूटना तय है। चाचा नीतीश कुमार ने भतीजे तेजस्वी की परवाह तो छोड़ ही दी है। खबर ये है कि अब बड़े भाई लालू का भी फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं। इन डेवलपमेंट्स के बीच दिल्ली से पटना तक बैठकों का दौर आज भी जारी रहने वाला है।
- आज शाम चार बजे बीजेपी पदाधिकारियों और विधायक दल की बैठक पटना में रखी गई है।
- इसमें बीजेपी के सभी सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे।
- साथ ही प्रदेश प्रभारी विनोद तावडे भी मीटिंग में शामिल होने के लिए पटना पहुंच रहे हैं।
- 28 जनवरी यानी कल सुबह 10 बजे जेडीयू विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी।
- जेडीयू ने अपने सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं।
नीतीश के लिए खुल गए NDA के दरवाजे?
बीजेपी की मीटिंग से पहले नीतीश की एनडीए में वापसी का पूरा प्लान तैयार है। कल तक नीतीश के लिए एनडीए के दरवाजे बंद रहने की बात कहने वाले बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने भी नीतीश को लेकर बड़ा संकेत दिए हैं। सुशील मोदी एनडीए में नीतीश के लिए दरवाजे खोलने की संभावना जता रहे हैं तो बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू ने अगली सरकार की पूरी टाइमलाइन बता दी।
RJD ने सभी विधायकों को पटना बुलाया
बिहार बीजेपी के नेता सरकार की टाइमलाइन बता रहे हैं...तो लालू खेमा भी जोड़तोड़ में जुट गया है। RJD ने भी अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है। आज दोपहर 1 बजे RJD कोटे के मंत्रियों और विधायकों के साथ लालू और तेजस्वी मीटिंग करेंगे तो महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी आज पूर्णिया में 2 बजे बैठक बुलाई है।
नीतीश के NDA में आने से बीजेपी को क्या फायदा?
अब सवाल उठता है कि नीतीश के NDA में आने से बीजेपी को क्या फायदा होगा तो इसका जवाब साफ है-
- सबसे पहला मोदी विरोधी I.N.D.I अलायंस की मोर्चेबंदी को बड़ा झटका लगेगा।
- दूसरा बिहार में अति पिछड़ा वोट बैंक भी बीजेपी के साथ होगा।
- तीसरा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर बढ़त मिलने की उम्मीद होगी।
पीछले चुनाव में NDA ने बिहार की 40 में 39 सीट जीती थी तब नीतीश कुमार भी NDA के हिस्सा थे। बीजेपी को उम्मीद है कि 2024 में जब नीतीश फिर से साथ होंगे तो NDA वही प्रदर्शन दोहरा सकती है।
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