पिछले दिनों वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के साथ घंटों मीटिंग की थी. बैठक में उन्होंने तकनीक को उन्नत बनाने में रीजनल रूरल बैंकों (Regional Rural Banks) की मदद करने को भी कहा था. बैठक के बाद मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि फाइनेंस मिनिस्टर ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC Yojana) का रिव्यू किया और इस बात पर विचार किया कि कैसे संस्थागत ऋण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जा सकता है.
ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में अहम भूमिका
वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने कहा, 'बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मछली पकड़ने और डेयरी क्षेत्र में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी करने पर चर्चा की गई.' उन्होंने कहा, 'एक अन्य सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर यह निर्णय किया गया कि प्रायोजक बैंकों को उन्हें डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी सुधार में मदद करनी चाहिए.' क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके प्रायोजक बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) और राज्य सरकारें हैं.
सूत्रों ने बताया कि देश में कुल 43 आरआरबी हैं. इनमें से एक-तिहाई, विशेषकर पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों के आरआरबी घाटे में चल रहे हैं और इन्हें 9 फीसदी की नियामकीय पूंजी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोष की जरूरत है. इन बैंकों का गठन आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत हुआ है और इनका उद्देश्य छोटे किसानों, कृषि क्षेत्र के कामगारों और ग्रामीण इलाकों के कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
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