साक्षी शर्मा/चंडीगढ़ : हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित समस्याओं के निपटारे के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया. कृषि मंत्री ने कहा कि अगर 1 महीने के भीतर कोई भी किसान बीमा करवाता है तो इसकी जानकारी इस पोर्टल में दर्ज कराई जाएगी.
अगर किसी भी वजह से फसल खराब होती है तो वह अपनी समस्या इस पोर्टल में डाल दे. बीमित किसान को क्लेम कितने दिन में मिला और किस वजह से क्लेम पेंडिंग रह गया. इस पोर्टल के माध्यम से हमें जानकारी मिलेगी.
मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल में किसानों की समस्याएं सुलझाने के लिए अलग से फीचर जोड़ा गया है. इससे किसानों को किसी भी अधिकरी के चक्कर काटने नही पड़ेंगे. कृषि मंत्री में कहा कि हम जब भी फील्ड में जाते है किसानों की शिकायतें आती रहती हैं. लेकिन अब इसकी जानकारी एक ही जगह पर अधिकारियों को भी मिलेगी, जिससे किसानों की समस्याओं का निपटारा जल्द हो पाएगा.
15 दिनों के अंदर किसान अपनी शिकायत को ट्रैक कर सकता है कि आखिरकर उनकी शिकायत कहां तक पहुंची है और कब तक निपटारा होगा. 2016 से 2021 तक 81 लाख किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है. मौजूदा समय में 20.80 लाख किसानों को 5139 करोड़ की राशि बांटी जा चुकी है. 100 करोड़ के मामले पेंडिंग हैं, जिनमें कुछ विवाद चल रहा है.
पेंशन मुद्दे पर पंजाब सरकार पर साधा निशाना
जेपी दलाल ने कहा कि पेंशन का मुद्दा 20 से 30 करोड़ रुपयों का है. पंजाब सरकार ने महिलाओं को 1000 रुपये देने का जो वादा किया था, उसके लिहाज से यह सारे पैंतरे खेले जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके चार बार के पूर्व विधायक निर्मल सिंह ने तीन पेंशन छोड़ने के निर्णय पर जेपी दलाल ने कहा कि निर्मल सिंह को यह ज्ञान 20 से 25 साल बाद क्यों आया. हर कल्याणकारी सरकार को संसाधनों का बराबर बंटवारा करना चाहिए. परिवार पत्र के माध्यम से हमारी सरकार जो कार्य कर रही है वह सही मायनों में सामाजिक कार्य है. उन्होंने कहा कि जिन विधायकों को जरूरत हैं, उन्हें मिलनी चाहिए.
कुछ स्कूलों का विकास करना कोई बड़ी बात नहीं
कर्मचारियों के महंगाई भत्ते बढ़ने पर कृषि मंत्री ने कहा की ये एक प्रक्रिया है. हमने कहा है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर हम बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा, आप ने मार्केटिंग के लिए अच्छी अच्छी कंपनी हायर की है. पार्टी जब बनी तब कितने नेताओं पर करप्शन के केस थे. सबने कोर्ट में माफी मांग ली. दिल्ली में स्कूल एमसीडी के पास है. सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत दिल्ली सरकार के पास हैं. उनमें से कुछ स्कूलों का विकास कर भी दिया तो कोई बड़ी बात नहीं.
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