पहली बार हो रहा सांस्कृतिक सर्वेक्षण
देश में पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण हो रहा है। सीएससी ने जिला इसका काम शुरु भी कर दिया है। पहले चरण में बौंसी प्रखंड के मंदार पर्वत का डेटा अपडेट किया गया है। इसके अलावा आसपास गांव की अन्य मंदिरों और लोगों से संबंधित वीडियो भी अपलोड किया जा चुका है। आसपास के लोग अपना परिवार कैसे चला रहे हैं, उनका रोजगार क्या है, इसकी जानकारी भी डाली गई है।जिला में 11 प्रखंड के 24 सौ गांवों में मेरा गांव मेरी धरोहर योजना का सर्वे होगा। इसके लिए हर पंचायत में मौजूद 12 सौ कामन सर्विस सेंटर संचालक को लगाया गया है। उन्हें एप उपलब्ध करा कर इसकी प्रक्रिया समझा दी गई है।
स्थानीय कलाकार और पौरानिक कथाओं को भी जगह
इस सर्वे के दौरान स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति और पौराणिक कथाओं को भी सुना जाएगा। गांव से जुड़े मंदिर और मस्जिद की कहानी भी गांव वालों की जुबानी इसमें कैद होगी। गांव के प्रसिद्ध व्यक्ति की जीवनी को भी इस एप पर साझा करेंगे। उस गांव से जुड़े कोई व्यक्ति का अगर राजनीतिक इतिहास रहा है, तो वीएलई उसे पोर्टल पर अपडेट करेंगे। इसके साक्ष्य तौर पर संचालक को उनसे संबंधित फोटो और वीडियो भी डालना है।
एक क्लिक पर लोगों को मिलेगी गांव की कहानी
सर्वे पूरा होने के बाद लोगों को एक क्लिक पर देश के किसी भी गांव की कहानी पता चल सकेगी। जबकि नई पीढी भी अपने गांव को जन और समझ पाएंगे। खास गांव की जानकारी पर उसे देखने पर्यटक पहुंचेगे। वर्तमान समय में बांका पर्यटकों के लिहाज से काफी चर्चित जगह बन गया है। मंदार रोपवे, ओढनी डैम, चांदन डैम, लक्ष्मीपुर का रानी किला आदि के साथ बांका के कई गांव को देखने पर्यटक पहुंचेंगे।
'जिला के सभी गांवों का सर्वे होना है। मेरा गांव मेरी धरोहर एप पर हर गांव से जुड़ी धरोहर को सीएससी कला एवं संस्कृति मंत्रालय तक पहुंचाएगी। इससे कोई भी किसी गांव की पूरी जानकारी विस्तार से जान सकेंगे।'- प्रियरंजन, जिला प्रबंधक, सीएससी
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