खत्म हो जाएगा चौहद्दी का विवाद
अभी म्यूटेशन में कागज पर नए खरीददार का नाम दर्ज हो जाता है। बदलाव यह होगा कि दस्तावेज में कागज पर नाम परिवर्तन के साथ प्लाट का नक्शा (स्पेसियल मैप) और फोटो भी रहेगा। खाता, खेसरा और रकबा भी फोटो में रहेगा। इससे चौहद्दी का विवाद समाप्त होगा। रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन कराने की बड़ी फजीहत से भी लोग बचेंगे। रजिस्ट्री के समय म्यूटेशन का नक्शा देने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन जाएगा।
रुड़की की टीम ने दिया प्रेजेंटेशन
आइआइटी रुड़की की टीम ने शुक्रवार को सर्वे भवन में प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि नई व्यवस्था कैसे लागू होगी। टीम का नेतृत्व प्रो. कमल जैन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से कम मानव बल और न्यूनतम समय में म्यूटेशन हो जाएगा। शेखपुरा जिला के घाट कुसुम्बा प्रखंड के किसी गांव में इसका प्रयोग किया जाएगा। विभाग की ओर से टीम को उस गांव का नक्शा और जमीन के स्वामित्व का पूरा ब्यौरा दिया जाएगा।
जमीन विवाद कम करने में मिलेगी मदद
टीम को 15 दिन का समय दिया गया है। कमल जैन की टीम उस गांव में प्रयोग कर सरकार को बताएगी कि राज्य के अन्य गांवों में इसे कैसे लागू किया जाएगा। मालूम हो कि जैन बिहार सरकार को चकबंदी में भी सलाह दे रहे हैं। चकबंदी के संयुक्त निदेशक युगल किशोर ने बताया कि म्यूटेशन की नई प्रक्रिया से जमीन से जुड़े विवाद अपने आप कम हो जाएंगे।
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