BRA Bihar University Muzaffarpur बिहार विवि के कुलानुशासक ने सभी पीजी विभागाध्यक्षों और प्राचार्यों को लिखा पत्र। कहा- समाप्त होगा यह विकट समय परिसर में फिर लौटेगी खुशहाली । दैनिक क्रियाकलापों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है ।
BRA Bihar University, Muzaffarpur: कोरोना संक्रमण के दौरान शिक्षण संस्थान बंद हैं। इस कारण विद्यार्थियों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसको देखते हुए बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ.अजीत कुमार ने सभी पीजी विभागाध्यक्षों और कॉलेज के प्राचार्यों को पत्र लिखा है। कहा है कि इन विषम परिस्थिति में उच्च शिक्षण संस्थाओं को सुनिश्चित अवधि तक बंद हैं। तमाम परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। दैनिक क्रियाकलापों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि सभी शिक्षण संस्थान युवावर्ग को अप्रत्याशित निराशा, अनिश्चितता, संत्रास तथा नकारात्मक विचार से बचाएं। इसके लिए अपने स्तर से प्रभावकारी योजनाओं का निर्माण करें। छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन करें।
विश्वविद्यालय के सभी विभाग और महाविद्यालय उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप यथासंभव ऑनलाइन पठन-पाठन को संपादित कर रहे हैं, यह सराहनीय कदम है। कहा कि शिक्षण संस्थानों के प्रशासनिक पदों पर आसीन सभी शिक्षाविदों तथा शिक्षकों के लिए अब यह आवश्यक हो गया है कि वे मित्र, दार्शनिक एवं पथप्रदर्शक की भूमिका में स्वयं को सक्रिय करें। विद्यार्थियों के मन में इस विश्वास को पुख्ता करने का हरसंभव प्रयास करें। यह प्रयास होना चाहिए कि संपूर्ण व्यवस्था उनके हित, आत्मोत्थान तथा भविष्य के प्रति जागरूक, संवेदनशील एवं सक्रिय हैं। शैक्षणिक सत्र तथा परीक्षाओं के आयोजन में होनेवाले विलंब के कारण विद्यार्थियों पर पडऩेवाले मनोवैज्ञानिक दबाव की समाप्ति के लिए विविध स्तरों तथा तरीकों से प्रयास हो। हर छात्र तक यह संदेश पहुंचे कि जीवन और सामुदायिक हित में उपरोक्त विलंब हीं बचाव का सबसे सार्थक हथियार है। हमारा वर्तमान बचेगा तभी भविष्य समृद्ध व प्रभावशाली हो पाएगा। संवाद-संप्रेषण के समस्त माध्यमों का अधिकतम इस्तेमाल करते हुए अधिकाधिक छात्र-छात्राओं से संपर्क स्थापित करें। उनका शैक्षणिक मार्गदर्शन हो। उनमें यह विश्वास पैदा करने की कोशिश हो कि शीघ्र ही सारी समस्याएं समाप्त होंगी। हम नए जोश और ताकत के साथ नई उपलब्धियों को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होंगे। शिक्षक, शिक्षार्थी और प्रशासकों के बीच संवेदना, प्रेम, करुणा और सर्मथन का भाव ही भविष्य में हमारी प्रासंगिकता, उपलब्धि और प्रभाव का नियामक बनेगा।
Join Champaran Result Social Group