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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2021

देश के किसानों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा काफी सारी योजनाएं आरंभ की गई हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी देश के किसानों के लिए आरंभ की गई है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इस योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है? इसका लाभ, उद्देश्य, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि। तो दोस्तों यदि आप Pradhanmantri Fasal Bima Yojana से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप से निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।

Highlights PMFBY Scheme 2021
योजना का नामप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
ऑनलाइन आवेदन के आरंभ तिथिआरंभ है
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि31 जुलाई 2019(खरीफ फसल के लिए)
उद्देश्यदेश के किसानों को सशक्त बनाना
सहायता राशि₹200000 तक का बीमा

PM Fasal Bima Yojana

Pradhanmantri Fasal Bima Yojana के अंतर्गत देश के किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में बर्बादी होने पर बीमा प्रदान किया जाएगा। इस योजना का कार्यान्वयन भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में केवल प्राकृतिक आपदा जैसे कि सूखा पड़ना, ओले पड़ना आदि ही शामिल है। यदि किसी और वजह से फसल का नुकसान होता है तो बिमे की राशि नहीं प्रदान की जाएगी।Pradhanmantri Fasal Bima Yojana के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 8800 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को खरीफ फसल का 2% और रवि फसल का 1.5% भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा। जिस पर उन्हें बीमा प्रदान किया जाएगा। यदि आप भी इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 52 लाख किसानों को मिली दावे की राशि

इस योजना के अंतर्गत सन 2018–19 में 52,41,268 किसानों को फसल के क्लेम की राशि का भुगतान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष लगभग 5.5 करोड़ किसान आवेदन करते हैं। अब तक सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत 90000 करोड़ रुपए तक के दावों का भुगतान किसानों के खाते में किया जा चुका है। यह भुगतान किसानों के खाते में सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से किया जाता है। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप को Pradhanmantri Fasal Bima Yojana के अंतर्गत आवेदन करना होगा। आवेदन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत किसानों को आवेदन आरंभ होने की जानकारी देने के लिए रवि तथा खरीफ सीजन में विज्ञापन भी जारी किया जाता है।

सरकार द्वारा इस योजना का प्रचार भी किया जाता है। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक इस योजना की जानकारी पहुंचाई जा सके और सभी पात्र किसान इस योजना का लाभ उठा सकें। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को फसल खराब होने के कारण आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब तक किए गए 90000 करोड रूपए के दावों का भुगतान

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को फसल पर प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना 13 जनवरी 2016 को आरंभ की गई थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बाढ़, आंधी, तेज बारिश आदि के चलते फसल को हुए नुकसान पर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना को भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा संचालित किया जाता है। Fasal Bima Yojana के अंतर्गत एक वर्ष में लगभग 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं और इस योजना में अब तक 90000 करोड रुपए के दावों का भुगतान किया जा चुका है। यह दावे आधार सीडिंग के माध्यम से निपटाए जाते हैं। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 7000000 किसानों को 8741.30 करोड़ रुपए प्रदान किए गए।

  • इस योजना के अंतर्गत अतिरिक्त प्रीमियम की राशि राज्य एवं भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में 90 फ़ीसदी प्रीमियम की राशि भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत औसदन बीमित राशि ₹40700 कर दी गई है। यह राशि पहले ₹15,100 प्रति हेक्टेयर थी।
  • इस योजना के अंतर्गत बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक की पूरा समय शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रोकी गई बुवाई और फसल के बीच होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान भी शामिल किया गया है। इस योजना के अंतर्गत समय-समय पर सुधार किए गए हैं। जिससे कि इसे फ्लैक्सिबल बनाया जा सके।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बजट

फसल को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक का समय कवर किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत रोकी गई बुवाई और मध्य मौसम प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को भी कवर किया गया है। फसल का नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना को 13 जनवरी 2016 को आरंभ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2021–22 के लिए 16000 करोड रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। यह बजट पिछले साल के बजट के तुलना में 305 करोड रुपए ज्यादा है। इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र का विकास होगा।

  • विश्व स्तर पर भागीदारी के मामले में Fasal Bima Yojana सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है तथा प्रीमियम के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है। प्रतिवर्ष लगभग 5.5 करोड़ किसान इस योजना के अंतर्गत आवेदन करते हैं। पिछले 5 वर्षों का कार्यान्वयन देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रीलॉन्च करने का निर्णय लिया था। इस योजना को रीलॉन्च करने के बाद इसमें कई संशोधन भी किए गए हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत फसल नुकसान की रिपोर्ट करना बेहद आसान है। यह रिपोर्ट ऐप के माध्यम से, कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से या फिर निकटतम कृषि अधिकारी के माध्यम से फसल नुकसान के 72 घंटे के भीतर किया जा सकती है। दावे की राशि किसान के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत नामांकित कुल किसानों में से 84% छोटे और सीमांत किसान हैं।

पीएम फसल बीमा योजना रबी फसल बीमा प्रक्रिया शुरू

Pradhanmantri Fasal Bima Yojana के अंतर्गत रबी फसल बीमा प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी किसानों के बैंक अकाउंट से प्रीमियम की राशि काटी जाएगी। सभी बैंकों को सरकार द्वारा प्रीमियम की राशि काटने के निर्देश दे दिए गए हैं। 31 दिसंबर 2020 से पहले पहले प्रीमियम की राशि किसानों के अकाउंट से काट ली जाएगी और फिर इसकी जानकारी 15 जनवरी 2021 तक पोर्टल पर दर्ज कर दी जाएगी। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी सभी मध्यप्रदेश के बैंकों के नोडल कार्यालय को प्रदान कर दी है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को स्केल ऑफ फाइनेंस का 1.5 फ़ीसदी प्रीमियम के रूप में देना होगा।

  • सभी ऋणी किसानों का प्रीमियम बैंक द्वारा स्वत ही काट लिया जाएगा। अब इस योजना के अंतर्गत ऋणी किसानों को सहमति पत्र देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वह सभी ऋणी किसान जो इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त नहीं करना चाहते उन्हें बैंक में असहमति पत्र जमा करना होगा।
  • इसी के साथ सभी अऋणी किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए सहमति पत्र देना अनिवार्य होगा तभी उनकी फसल का बीमा हो पाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी किसानों को किसी भी राज्य स्तरीय सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंक, वित्तीय संस्था से संपर्क करना होगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य

भारत में अधिकतर खेती करने वाले किसानो को फसलों में होने वाले नुकसान पर सरकार मदद करेगी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2021 किसानो को खेती में रूचि बनाये रखना तथा स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना इस योजना में किसानो की फसलों में होने वाले नुकसान व चिंताओं से मुक्त कराना है और लगातार खेती करने के लिए किसानो को बढ़ाबा देना है और भारत  को विकसित तथा प्रगतिशील बनाना है |

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

  • PM Fasal Bima Yojana को देश के किसानों को किसी प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले फसल के नुकसान पर इंश्योरेंस कवर प्रदान करने के लिए आरंभ किया गया है।
  • इस योजना के माध्यम से अब तक लाखों किसानों को लाभ पहुंचा है।
  • पहले 3 वर्षों में किसानों द्वारा लगभग 13000 करोड रुपए का प्रीमियम जमा किया गया है।
  • जिसके बदले उनको 60000 करोड रुपए तक का इंश्योरेंस क्लेम प्राप्त हुआ है।
  • सरकार द्वारा सभी पात्र किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। जिस के लिए सरकार द्वारा प्रचार किया जाता है।
  • इस योजना को 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित किया जाता है।
  • इस योजना के अंतर्गत क्लेम रेश्यो 88.3 प्रतिशत है।
  • सरकार द्वारा समय-समय पर इस योजना की समीक्षा की जाती है एवं सभी हितग्राही को से संवाद किया जाता है।
  • इस योजना में फरवरी 2021 में कुछ संशोधन भी किए गए हैं। जिससे कि सभी किसानों को और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सके।
  • संशोधित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार वह राज्य जिनमें स्टेट सब्सिडी की पेमेंट लंबे समय तक विलंब है वह इस योजना में भाग नहीं ले पाएंगे।
  • बीमा कंपनी द्वारा 0.5% प्राप्त हुई प्रीमियम की राशि इंफॉर्मेशन, एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन एक्टिविटी के लिए खर्च की जाती है।
  • इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए एक सेंट्रल एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया गया है।
  • इस योजना को आधार एक्ट 2016 के अंतर्गत संचालित किया जाता है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी के पास आधार नंबर होना अनिवार्य है।
  • इस योजना को संचालित करने का मुख्य उद्देश्य सभी किसानों को खेती करने के लिए बिना किसी आपदा की चिंता किए प्रोत्साहित करना है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन फॉर्म
 की लाभ लेने के लिए अपने नजदीकी पंचायत के CSC VLE/CENTER पर सम्पर्क करे |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दिसंबर अपडेट

फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान पर इंश्योरेंस कवर प्रदान किया जाता है। अब सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत वाइल्ड लाइफ डैमेज को कवर करने का भी फैसला लिया गया है। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत यदि फसल को जंगली जानवरों के कारण नुकसान पहुंचता है तो किसान को फसल पर हुए नुकसान पर कवर प्रदान किया जाएगा। यह सुविधा एक ऐडऑन कवरेज के तौर पर प्रदान की जाएगी। यह एड ऑन कवरेज किसानों के लिए वैकल्पिक होगी।

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत यदि वाइल्ड लाइफ कवर किसानों को लेना है तो उसके लिए प्रीमियम का भुगतान किसानों को ही करना होगा। हालांकि राज्य सरकार इस कवरेज पर अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करने पर विचार कर रही है।
  • बीमा कंपनी तथा MoEFCC के परामर्श से सरकार द्वारा बोलियो के मूल्यांकन के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल और प्रक्रिया तैयार कर ली गई है।
  •  वन अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया है कि राज्य पहले से ही क्रॉप डैमेज कंपनसेशन किसानों को प्रदान करती थी। अब विभिन्न राज्यों द्वारा प्राप्त किए गए सुझाव के अनुसार जंगली जानवरों से हुए नुकसान को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा निर्देशों में शामिल कर लिया गया है। महाराष्ट्र के फसल क्षति को रोकने के लिए स्थापित किए गए एक पैनल के द्वारा भी इस कदम की सिफारिश की गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नवंबर अपडेट

जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की फसल को कुदरती आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए आरंभ की गई है। इस समय देश में कहीं भारी बारिश हो रही है तो कहीं सूखा पड़ा है। जिससे की फसल को काफी भारी नुकसान पहुंच रहा है। यदि फसल को कोई नुकसान होता है तो 72 घंटे में शिकायत स्थानीय कृषि कार्यालय किसान हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करानी होगी। इसके अलावा यह शिकायत क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पर भी दर्ज कराई जा सकती है। यदि आपको इस बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप हेल्पलाइन नंबर वन 18001801551 पर संपर्क कर सकते हैं।

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